बोरिस जॉनसन ब्रिटेन के मोदी हैं.' ये विचार ब्रिटेन में रहने वाले आम प्रवासी भारतीयों के हैं.
वो कहते हैं कि ब्रितानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह लोकप्रिय नहीं हैं लेकिन वैचारिक समानता दोनों को एक दूसरे के नज़दीक लाई है.
उनका मानना है कि बोरिस जॉनसन आगे भी चुनाव जीतने की क्षमता रखते हैं.
जॉनसन ने अपनी पार्टी को 25 सालों में पहली बार ज़बरदस्त जीत दिलाई है.
हालांकि इन विचारों से सभी सहमत नहीं हैं. ब्रैडफ़र्ड के एक मंदिर के मैनेजमेंट के अध्यक्ष मुकेश शर्मा कहते हैं, "हम दावे के साथ नहीं कह सकते कि दोनों नेताओं में कोई समानता है. हमने कंज़र्वेटिव पार्टी को वोट दिया इसलिए हम संतुष्ट हैं. लेकिन कई लोगों ने बोरिस को ब्रेग्ज़िट के कारण वोट दिया."
बोरिस जॉनसन ने भारतीय मूल को लुभाने की काफ़ी कोशिशें की हैं क्योंकि वो इस समुदाय की अहमियत से वाक़िफ़ हैं.