बस छह आतंकियों का सफाया और आतंक मुक्त होगा त्राल, कभी यही जिला था आतंकी अड्डा

पुलवामा जिले के त्राल इलाका आतंकवाद के कारण लगातार चर्चा में रहा लेकिन अब इसकी पहचान बदल रही है। वर्ष 2019 की शुरुआत में यहां तीस से अधिक आतंकी सक्रिय थे। अब इनकी संख्या मात्र छह रह गई है। सुरक्षाबलों की तरफ से चलाए जा रहे अभियान के बाद लगाता है कि यह इलाका जल्द आतंकवाद मुक्त हो जाएगा। बचे आतंकी लश्कर-जैश, हिजबुल और आईएसजेके से जुड़े हैं।


दक्षिण कश्मीर का पुलवामा जिला कई वर्षों से आतंकियों का गढ़ माना गया है। आतंकी बुरहान वानी, समीर टाइगर, जाकिर मूसा और हमाद खान और पुलवामा हमले का फिदायीन आदिल भट्ट इसी जिले से था। सभी ने आतंकी संगठनों को लंबे समय तक जिंदा रखा। जम्मू कश्मीर पुलिस के मुताबिक जिले के अवंतीपोरा में 18 आतंकी सक्रिय हैं। इनमें से अधिकांश संबूरा और पंपोर इलाके में छिपे हुए हैं। सुरक्षाबलों के आंतकवादियों के खिलाफ लगातार नकेल कसने के बाद त्राल का इलाका जल्द आतंक मुक्त होने को है।

 पुलवामा हमले की साजिश भी त्राल में रची गई थी। इस हमले को अंजाम देने वाला आदिल भट्ट भी इसी इलाके से हमले को अंजाम देने के लिए निकला था। 25 जनवरी को सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन में आखिरी मास्टरमाइंड कारी यासिर को उसके दो अन्य साथियों के साथ मार गिराया। इसके बाद इलाके से जैश का पूरी तरह सफाया हो गया। सुरक्षाबलों से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक कारी यासिर, हमाद खान और हमीद ललहारी के मारे जाने के बाद आतंकवाद में स्थानीय भर्ती भी प्रभावित हुई है।


जैश, लश्कर और हिजबुल के साथ टॉप आतंकियों को मार गिराया गया है। इससे आतंकियों की कमर टूट गई है। दक्षिण कश्मीर के चार जिलों, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम और अनंतनाग में 119 आतंकी सक्रिय है। इसमें 90 प्रतिशत स्थानीय है जबकि 10 फीसद विदेशी हैं। 370 हटने के बाद अवंतीपोरा में छह मुठभेड़ों में 14 आतंकियों को मार गिराए गए हैं।
विजय कुमार, आईजी जम्मू कश्मीर पुलिस


पुलवामा हमले को अंजाम देने और षड्यंत्र रचने वाले सभी आतंकियों और उनके मददगारों को सुरक्षाबलों ने उनके अंजाम तक पहुंचाया। त्राल इलाके से आतंकी आतंकी संगठन का पूरी तरह सफाया कर दिया जाएगा।
जुल्फिकार हसन, स्पेशल डीजी सीआरपीएफ