संयुक्त राष्ट्र में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर अपनी बातों से दुनियाभर के नेताओं का ध्यान आकर्षित करने वाली 16 वर्षीय स्वीडिश छात्रा ग्रेटा थनबर्ग को टाइम मैगज़ीन ने 2019 का 'पर्सन ऑफ़ द इयर' घोषित किया है.
ग्रेटा इस पुरस्कार के लिए नामित होने वाली सबसे कम उम्र की व्यक्ति हैं. वर्ष 1927 से टाइम मैगज़ीन यह पुरस्कार देती आई है.
इस घोषणा से पहले स्पेन के मैड्रिड शहर में चल रहे संयुक्त राष्ट्र के 25वें जयवायु परिवर्तन समिट में ग्रेटा ने वैश्विक स्तर के नेताओं के बारे में कहा कि वो बड़ी-बड़ी बातों से भ्रम पैदा करना बंद करें और 'रियल एक्शन' करके दिखाएं.
ग्रेटा ने कहा कि अगला दशक यह तय करने वाला है कि इस पृथ्वी का भविष्य क्या होगा.पिछले साल जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए ग्रेटा ने स्वीडन की संसद के बाहर विरोध-प्रदर्शन के लिए हर शुक्रवार अपना स्कूल छोड़ा था जिसे देखकर कई देशों में #FridaysForFuture के साथ एक मुहिम शुरू हो गई थी
ग्रेटा की तरह दुनिया के हज़ारों स्कूली बच्चे और युवा इस मुहिम में आवाज़ उठा रहे हैं.
इसी वर्ष शुरुआत में 3 जनवरी 2003 को जन्मी ग्रेटा को नोबेल पीस पुरस्कार के लिए भी मनोनीत किया गया था.
ग्रेटा की प्रतिक्रिया
'पर्सन ऑफ़ द इयर' के लिए चुने जाने की ख़बर मिलते ही ग्रेटा ने ट्विटर पर लिखा, "वाह! ये अविश्वसनीय है. जिन लोगों ने जलवायु परिवर्तन और #FridaysForFuture मुहिम में मेरा साथ दिया, मैं ये सम्मान उन सभी के साथ शेयर करना चाहूँगी."
हालांकि इस ख़बर को सभी वर्गों में सराहा नहीं गया है. ख़ासकर प्रमुख रूढ़िवादी समूहों में इसकी आलोचना की जा रही है.
इन लोगों का कहना है कि मीडिया ग्रेटा को ज़रूरत से ज़्यादा जगह दे रहा है.
मैड्रिड में ग्रेटा के भाषण से पहले ब्राज़ील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो ने उन्हें एक 'बिगड़ैल लड़की' कहा था क्योंकि ग्रेटा ने अमेज़न के जंगलों में लगी आग के कारण ब्राज़ील की स्वदेशी प्रजातियों की मृत्यु पर चिंता ज़ाहिर की थी.
बोलसोनारो ने भी कहा था कि मीडिया ग्रेटा को ज़्यादा भाव दे रहा है.
इससे पहले अमरीका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने भी ग्रेटा की बातों पर सवाल उठाए थे और रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने तो ये तक कह दिया था कि 'वो एक अच्छी लड़की हैं, पर उनके पास सूचनाओं का अभाव है'.
बहरहाल, टाइम मैगज़ीन के फ़ैसले को सही ठहराते हुए पत्रिका के एडिटर इन चीफ़ एडवर्ड फ़ेलसेंथल ने कहा है, "ग्रेटा थनबर्ग मौजूदा दौर में जलवायु परिवर्तन पर सबसे प्रबल आवाज़ हैं और ये मुद्दा इस दौर में सबसे महत्वपूर्ण है."