अब तक 500 पेशेंट्स का टावर तकनीक से सफल वाॅल्व रिप्लेसमेंट कर चुके जयपुर के डाॅ.रवींद्र सिंह राव काे फ्रांस के हाॅस्पिटल ने दिया अवसर।
जयपुर. यूएसए में बनने वाले हार्ट वाल्व के बाद अब दुनिया का नजरे इंडियन हार्ट वाल्व पर है। भारत में इजाद किए गए इस हार्ट वाल्व का जयपुर में बिना सर्जरी के प्रत्यारोपण का लाइव टेलीकास्ट दुनिया भर के 100 कार्डियोलॉजिस्टों ने देखा है।
जयपुर के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र सिंह राव द्वारा पिछले दिनो टावर तकनीक से भारतीय हार्ट वाल्व के रिप्लेसमेंट का केस जयपुर के एक निजी हॉस्पिटल में किया गया जिसका लाइव टेलीकास्ट फ्रांस में हुआ। दुनिया में कृत्रिम हार्ट वाल्व के आविष्कारक डॉ. एलन क्रिबियर ने फ्रांस में अपने सेंटर पर लाइव ऑपरेशन दिखाने के लिए इंडिया से केवल जयपुर शहर काे चुना।
टावर तकनीक से हार्ट वाल्व का सफल रिपलेस्मेंट
डॉ. रवींद्र राव ने बताया कि ट्रांस कैथेटर एओटिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट (टावर) तकनीक से बिना ओपन हार्ट सर्जरी के वाल्व रिपलेस्मेंट किया गया है। इसमें पैर की नस के जरिए वाल्व को हार्ट में ले जाकर ठीक किया जाता है।
लाइव टेलीकास्ट के लिए इस वजह से चुना जयपुर
भारतीय वाल्व के रिप्लेसमेंट के केस को दूसरे देश में स्टडी के रूप में लिये जाने का यह देश का पहला मामला है। फ्रांस के डॉ. एलन क्रिबियर ने इस तकनीक में भारतीय डॉक्टरों की कुशलता को अपने मेडिकल स्टूडेंट्स को दिखाने के लिए जयपुर को चुना। इस लाइव इंप्लांटेशन काे पूरे यूराेप, अफ्रीका नार्दन और टर्की से आए 100 काॅर्डियाेलाॅजिस्ट ने देखा और सराहा।
जयपुर के कैस काे फ्रांस में लाइव दिखाया
हाल ही में फ्रांस के रूइन शहर में आयोजित हुई इंटरनेशनल वर्कशॉप में टावर तकनीक के जरिए लाइव केस दिखाने का विशेष सत्र रखा गया था। इस तकनीक के विशेषज्ञ जयपुर के इटरनल हॉस्पिटल के सीनियर कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. रवींद्र सिंह राव को चुना गया। डॉ. राव ने भारत में कुछ महीनों पहले ही निर्मित स्वदेशी हार्ट वाल्व के इंप्लांटेशन का लाइव केस जयपुर में किया। केस में महाराष्ट्र के एक 72 वर्षीय वृद्ध का हार्ट वाल्व टावी तकनीक से रिप्लेस किया गया था। यह केस जयपुर से फ्रांस में लाइव चला।
- जयपुर से ही क्यूं : हार्ट सर्जरी के लिए उपयुक्त शहर बने जयपुर के डाॅक्टर रवींद्र सिंह राव अब तक अमेरिका, साउथ ईस्ट एशिया और इंडिया में 500 से ज्यादा सफल रिप्लेसमेंट कर चुके हैं।
- सफल टेक्निक : ट्रांस कैथेटर एओटिक वाॅल्व रिप्लेसमेंट (टावर) तकनीक से बिना ओपन हार्ट सर्जरी के वाल्व रिपलेस्मेंट किया गया है। इसमें पैर की नस के जरिए वाल्व को हार्ट में ले जाया जाता है।