पिछले 40 सालों में पुरुषों (Men) के स्पर्म काउंट (Sperm Count) में काफ़ी गिरावट आई है और यह गिरावट दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है. ऐसा नहीं है कि स़िर्फ भारतीय पुरुष ही इसके शिकार हैं, बल्कि यह पूरी दुनिया के पुुरुषों को प्रभावित कर रहा है. क्या हैं इसके कारण और बचाव के उपाय,
क्या कहते हैं आंकड़े?
– वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइज़ेशन (WHO) के अनुसार, पिछले 40 सालों में पूरी दुनिया के पुरुषों के स्पर्म काउंट और क्वालिटी में भारी कमी आई है. पहले हर सैंपल में जो स्पर्म काउंट 60 मिलियन होता था, अब वो महज़ 20 मिलियन रह गया है.
– हमारे देश में हर साल 12-18 मिलियन कपल्स इंफर्टिलिटी के शिकार हो रहे हैं, जिसमें 50% पुरुष शामिल हैं.
– आज यह स्थिति आ गई है कि हर छह में से एक कपल इंफर्टिलिटी का शिकार हो रहा है.
– साथ ही यह बहुत गंभीर बात है कि हर साल पुरुषों के स्पर्म काउंट में 2% की कमी देखी जा रही है. ऐसा ही चलता रहा, तो कुछ ही सालों में इंफर्टिलिटी एक गंभीर सामाजिक समस्या बन जाएगी.
क्यों घट रहा है स्पर्म काउंट?
हमारी बदलती लाइफस्टाइल और वर्क कल्चर ने बहुत कुछ बदल दिया है. जिस तेज़ी से पुरुषों के स्पर्म काउंट में कमी आ रही है, उसके लिए बहुत हद तक ये चीज़ें ही ज़िम्मेदार हैं. इसके अलावा और क्या हैं इस कमी के कारण, आइए देखते हैं.
– दिन-ब-दिन बढ़ता मोटापा
– अनहेल्दी लाइफस्टाइल
– फिज़िकल एक्टिविटी की कमी
– बहुत ज़्यादा टाइट कपड़े पहनना
– वर्कप्लेस पर बढ़ता प्रेशर
– स्मोकिंग और अल्कोहल
– बहुत ज़्यादा इमोशनल स्ट्रेस
– हार्मोंस का असंतुलन
– इनडोर व आउटडोर पोल्यूशन
– लगातार लैपटॉप पर काम करने से टेस्टिकल्स का तापमान बढ़ता है, जिससे स्पर्म प्रोडक्शन पर असर पड़ता है.
– कुछ दवाइयों के साइड इफेक्ट के कारण भी ऐसा हो सकता है.
– पर्यावरण में बढ़ती गर्मी इसका एक और कारण है.
पहचानें इसके लक्षण
अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण नज़र आता है, तो तुरंत किसी एक्सपर्ट सेे संपर्क करें. याद रखें, स्पर्म काउंट की समस्या को जितनी जल्दी सुलझाएंगे, ज़िंदगी उतनी आसान होगी. ग़ौर करें इन लक्षणों पर.
– इजैकुलेशन में द़िक्क़त महसूस होना.
– बहुत कम सीमेन का निकलना.
– इरेक्टाइल डिस्फंक्शन.
– सेक्सुअल डिज़ायर में कमी.
– साथ ही बार-बार सांस संबंधी समस्या होना.
– चेहरे और शरीर पर बालों का बढ़ना.
– इंफर्टिलिटी से जूझ रहे पुरुषों के सूंघने की शक्ति में भी कमी देखी जाती है.
क्या है सामान्य स्पर्म काउंट?
आमतौर पर एक मि.ली. सीमेन में 15 मिलियन या फिर हर सैंपल में 39 मिलियन स्पर्म काउंट सामान्य माना जाता है. दूसरे शब्दों में कहें, तो एक मि.ली. सीमेन में 10 मिलियन से कम स्पर्म काउंट असामान्य माना जाता है और ऐसे पुरुषों को इंफर्टिलिटी का इलाज कराना पड़ता है.