पानीपत की तीसरी लड़ाईः हरियाणा के रोहतक में यूं 'ज़िंदा' हैं मराठा सेनापति सदाशिव राव भाऊ


14 जनवरी, 1761. पानीपत की लड़ाई का एक यादगार दिन.


इतिहास कहता है कि पानीपत की तीसरी लड़ाई में मराठाओं के सेनापति सदाशिव राव भाऊ अपनी जान गँवा बैठे थे.


मगर हरियाणा के रोहतक ज़िले के सांघी गांव के लोगों की मानें तो ये बहादुर सेनापति लड़ाई के बाद जीवित थे और उसी गांव में रह रहे थे.


सांघी गांव में मराठाओं के सेनापति सदाशिवराव भाऊ की एक समाधि भी है.


पानीपत की इस लड़ाई से जुड़ी लोकोक्तियों को हम सालों से पढ़ते-सुनते आ रहे हैं. इनमें से एक है- दो मोती गिरे, दस-बीस अशरफ़ी गंवाई, पैसे का तो कोई हिसाब ही नहीं...