- रेवेन्यू वसूली टारगेट से उपभोक्ताओं पर मार
- जयपुर डिस्कॉम ने फील्ड इंजीनियरों को बिजली चोरी पकड़ने व सौ फीसदी रेवन्यू वसूली का टारगेट दिया
जयपुर. जयपुर डिस्कॉम ने फील्ड इंजीनियरों को बिजली चोरी पकड़ने व सौ फीसदी रेवन्यू वसूली का टारगेट दिया है, लेकिन डिस्कॉम के इंजीनियरों ने सकारात्मक कोशिश करने के बजाए उपभोक्ताओं को गलत बिल देना शुरु कर दिया है।
शहर के कई इलाकों में 22 से 27 दिन में ही बिल दिए जा रहे है। इसके साथ ही मीटर में आई यूनिट से ज्यादा रीडिंग लिख कर स्पॉट बिलिंग कर रहे है। उपभोक्ताओं के विरोध को भी दरकिनार किए जा रहे है। जहां पर प्राइवेट लोगों को रीडिंग लेने का ठेका दे रखा है। वहां पर ज्यादा शिकायतें आ रही है।
जोधपुर डिस्कॉम व अजमेर डिस्कॉम में बिजली बिल दो महीने से दिए जा रहे है, जबकि जयपुर डिस्कॉम में केवल एक महीने से ही स्पॉट बिलिंग के जरिए बिल थमाए जा रहे है। वहीं बिल के हिसाब से ठेकेदार को भुगतान होने के कारण एक महीने से भी कम समय में बिल जारी किए जा रहे है। इससे उपभोक्ता पर घरेलू बजट गड़बड़ा रहा है।
इस उदाहरण से समझे उपभोक्ताओं की परेशानी
पालड़ी मीणा में 28 नवंबर को स्पॉट बिलिंग के जरिए रीडिंग ली गई। जबकि इस इलाके में पिछला बिल 4 नवंबर को ही दिया गया था। यानि 24 दिन में ही बिल दे दिया। वहीं मीटर में 4790 यूनिट दर्ज था। लेकिन मीटर रीडर ने गफलत करते हुए बिल में 4886 यूनिट लिख दिया।
उपभोक्ता ने जब इसका विरोध किया तो मीटर रीडर बिल पटक कर चला गया। अब उपभोक्ता को बिल सही करवाने के लिए डिस्कॉम दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे है। बिल में स्थायी शुल्क सहित अन्य चार्ज भी कम नहीं किया।