पीरियड के दौरान सेक्स सही या ग़लत?


24 साल की जेस कहती हैं कि उन्हें नहीं पता है कि सेक्स में पीड़ा और उदासी से कैसे बचा जाए. उन्होंने कहा, ''मैंने सेक्स के बारे में जो कुछ सुना था उससे काफ़ी तनाव में थी. मैं काफ़ी सतर्क थी. मैं ऑर्गेजम को लेकर कई तरह के मिथों से ग्रस्त थी. मुझे जो कुछ भी कहा गया था उनसे यौन संबंध के दौरान भी मुक्त नहीं हो पाई थी. मुझसे कहा गया था कि सेक्स के दौरान दर्द हो सकता है और मुझे इसे न चाहते हुए भी स्वीकार करना पड़ा था.''


उन्होंने कहा, 'मैंने एक सतर्क और शिष्ट पार्टनर को चुना. इसके साथ ही मैंने शारीरिक संबंधों को लेकर ख़ुद ही कई चीज़ों की पड़ताल की. अगर आपका पार्टनर ठीक है तो दर्द जैसी बात बिल्कुल झूठ होती है.''


हनाह विटन यूट्यूब चैनल पर सेक्स से जुड़ी सभी चीज़ों पर बात करती हैं. यौन संबंध में दर्द को लेकर उनका कहना है, ''कई महिलाओं को सेक्स के दौरान दर्द का सामना इसलिए नहीं करना पड़ता है कि सेक्स में दर्द निहित है. बल्कि ऐसा इसलिए है क्योंकि हमें नहीं पता है कि अच्छा यौन संबंध कैसे बनता है.''


ज़ाहिर है सेक्स में कई स्थितियां दर्दनाक होती हैं. अगर शारीरिक संबंध के दौरान आपको दर्द का सामना करना पड़ता है तो यह गंभीर समस्या है. रॉयल कॉलेज ऑफ़ आब्स्टिट्रिशन एंड गाइनकॉलजिस्ट (आरसीओजी) की प्रवक्ता स्वाति झा कहती हैं, ''वजाइना में दर्द खरोंच और एसटीआई के कारण हो सकता है. कई बार लेटेक्स कॉन्डम और साबुन के कारण भी जलन होती है.'' स्वाति झा का कहना है कि दर्द हो तो सेक्शुअल हेल्थ क्लिनिक से संपर्क करना चाहिए.


हालांकि यूनिवर्सिटी ऑफ ग्लास्गो के सीनियर रिसर्च फेलो डॉ कृस्टिन मिशेल कहती हैं कि सेक्स में दर्द का संबंध पूरी तरह से मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों से है. कृस्टिन ने 2017 में एक स्टडी की थी और इसमें पाया कि ब्रिटेन में 16 से 24 साल की उम्र वाली लड़कियों में से 10 फ़ीसदी लड़कियों को सेक्स में दर्द का सामना करना पड़ता है.


उन्होंने कहा, ''अगर एक यंग महिला जैसा सेक्स चाहती है वैसा नहीं कर पाती है या फिर बेमन से करती है या फिर खुलकर बात नहीं कर पाती है कि वो कितना इंजॉय कर पा रही है तो ऐसी स्थिति में सेक्स दर्ददायक होता है. महिलाओं में एक किस्म का पूर्वाग्रह होता है कि उन्हें सेक्स में इंजॉय का अधिकार बराबरी का नहीं है या कम है. कई महिलाएं तो इसे इस रूप में स्वीकार लेती हैं कि वो महिला है इसलिए सेक्स में दर्द होगा ही.''


अमरीका में एक स्टडी हुई है और इस स्टडी के रिसर्चर सारा मैकलैंड ने महिलाओं और पुरुषों से पूछा था कि उनके लिए सेक्स में कम संतुष्टि का मतलब क्या होता है. इस सवाल पर पुरुषों का जवाब था- पार्टनर की उदासीनता और महिलाओं का जवाब था दर्द.


किम लोलिया को भी ऐसे ही अनुभवों का सामना करना पड़ा था. अब वो महिलाओं के बीच इस डर और समस्या को ख़त्म करने पर काम कर रही हैं.


लोलिया लंदन स्थित सेक्स एजुकेशन सर्विस की संस्थापक हैं. इसके साथ ही वो एक ऑनलाइन मैगज़ीन भी निकालती हैं. उनका मानना है कि असहज करने वाला सेक्स ज़रूरी नहीं है कि वो शारीरिक समस्या से ही हो. संभव है कि वो चुप रहने के कारण हो.


किम कहती हैं, ''जब महिलाएं दर्द महसूस करती हैं तो वो चुपचाप सह लेती हैं. वो बोलती नहीं हैं. जब इन्हें दर्द होता है तो लगता है कि इनमें ही कोई दिक़्क़त है. ये डरी रहती हैं कि कहीं उनका पार्टनर बुरा तो नहीं मान जाएगा. सेक्स के दौरान सब कुछ पारस्परिक, क्रमशः और एक दूसरे को सुनने और महसूस करने लायक बनाना चाहिए.''